दिल की कहानी #2
एक ख्वाब बुना था मैंने सोए सोए
उम्मीद के दामन में लिपटे हुए
की वो दीन आए
जब वो पुरे होजाएं
वक्त गुजरता चला
कोशिश की आंधियों के साथ
समेटे हुए रखा मैंने
वो सारे ख्वाब
अब भी पुरे ना हुए हैं
दामन से जुडे हैं
जला कर रखा हे आज भी वो दिया
सच होगा वो सपना जिसे मैंने बरसों से हे बडा किया